Description
बाबा जी हर्बल अश्वगंधा गौ घृत
बनाने के लिए घटक।
1.650, ग्राम अश्वगंधा
1000,ग्राम गाय का घी
3.500, लीटर सफेद गाय का दूध
1.300, लीटर पानी
गुण और उपयोग –
यह वातरोगो कि अति उत्तम औषध है, इसके सेवन से।
(1) घुटने और जोड़ों के दर्द का नाश करता है।
(2) कमर दर्द मे बहुत ही जल्द कारगर सिद्ध होता है। और रोगी को राहत पहुंचाता है।
(3) शरीर के विभिन्न अंगों के सूनापन को दूर करता है।
(4) शिथिलता,
(5) चक्रर आना,
(5) अनिद्रा, अत्यधिक विचार आना।
(6) दुर्बलता, कमजोरी शारीरिक विकास ना होना।
(7) कार्य करने में अशक्तता, शरीर के हाथ पांव सुन्न होना ।
(8) नपुंसकता पुरुषार्थ में कमजोरी वीर्य ना बना जैसी समस्याएँ ।
नष्ट होती हैं। यह स्नायुमण्डल को बल प्रदान कर शरीर को
हृष्ट–पुष्ट बनाता है साथ ही यह उत्तम वाजीकरण एवं वीर्यवर्द्धक योग है। और कई प्रकार के अनगिनत अद्भुत फायदे हमें नियमित रूप से उपयोग करने में नजर आते हैं।
सेवन मात्रा: का तरीका।
6 से 12 ग्राम गुनगुने दूध के साथ दिन में दो बार या चिकित्सक के परामर्श अनुसार ले सकते हैं।
Ingredients for making "Baba Ji Herbal Ashwagandha Gau Ghrita" :
1. 650 grams Ashwagandha
2. 1000 grams Cow Ghee
3. 500 liters White Cow Milk
4.300 liters Water
Properties and Uses -
This is the best medicine for Vata diseases, by consuming it.
a. Eliminates knee and joint pain.
b. It proves very effective in back pain and gives relief to the patient.
c. Removes numbness of various parts of the body.
d. Laxity,
e. Dizziness
f. Insomnia, excessive thoughts.
g. Weakness, lack of physical development.
h. Inability to work, numbness of hands and feet.
i. Problems like impotence, weakness in virility, lack of semen production etc. are
eliminated. It strengthens the nervous system and makes the body healthy and
strong. It is also an excellent aphrodisiac and semen We get to see many other amazing benefits by using it regularly.
Method of intake:
6 to 12 grams can be taken with lukewarm milk twice a day or as per doctor's advice.
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